पंजाब से बड़ी ख़बर बच्चे के पैदा होने के बाद पता लग पाएगा कि वह बधिर तो नहीं है

पंजाब से बड़ी ख़बर बच्चे के पैदा होने के बाद पता लग पाएगा कि वह बधिर तो नहीं है

पंजाब से बड़ी ख़बर बच्चे के पैदा होने के बाद पता लग पाएगा कि वह बधिर तो नहीं है

पंजाब से बड़ी ख़बर बच्चे के पैदा होने के बाद पता लग पाएगा कि वह बधिर तो नहीं है

मोहाली। जिला सिविल अस्पताल ने अपने जच्चा बच्चा केंद्र को मजबूत करते हुए एक मशीन खरीदी है। इससे अब बच्चे के पैदा होने के तुरंत बाद पता चल पाएगा कि वह बधिर तो नहीं है। इसमें बच्चों को किसी भी तरह का शारीरिक कष्ट नहीं होगा। मात्र बच्चे के माथ पर कुछ सेकेंड के लिए मशीन लगाई जाएगी। यह मशीन काफी फायदेमंद साबित होगी।
जानकारी के मुताबिक, मोहाली के मेडिकल कॉलेज में स्थापित की सोहम नामक मशीन से नवजात बच्चे की सुनने को ताकत का मिनटों में पता लगा सकता है। वहीं मल्टीपर्पस ऑक्सीमीटर से नवजात का निमोनिया समय रहते पता लगाया जा सकता है। सोहम एक कम लागत वाला पोर्टेबल उपकरण है, जो बच्चे के सिर और दोनों कानों के पीछे इलेक्ट्रोड वायर के माध्यम से लगाया जाता है। इसके साथ ही एक ईयरफोन जैसी वायर बच्चे के कान में रखी जाती है। इन तीन इलेक्ट्रोड वायर से मस्तिष्क की तरंगों को मापा जाता है। पांच-पांच मिनट दोनों कानों में वायर को रखा जाता है। मशीन पांच मिनट बाद ही इंडीकेट कर देगी कि बच्चे के का टेस्ट पास हुआ या फेल। अस्पताल प्रशासन द्वारा इसको 3 दिन के नवजात बच्चे से लेकर 2 साल तक के बच्चे के लिए सोहम हियरिंग मशीन का इस्तेमाल किया जाता है।
इस उपकरण की बैटरी को यूएसबी वायर से चार्ज किया जाता है, जिससे कोई भी बिजली संबंधी तार सीधे शिशु के संपर्क में नहीं आती। शिशु को किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचता और न ही किसी तरह का मशीन का शोर होता है। इस मशीन का इस्तेमाल एकांत कमरे में मां की मौजूदगी में किया जाता है।

मल्टीपर्पसे ऑक्सीमीटर द्वारा नवजात बच्चे के निमोनिया का पता लगाया जा सकता है। मशीन को बच्चे के पैरों से जोड़ा जाता है। तीन मिनट बाद ही बच्चे का तापमान का पता लगाया जा सकता है। जिन नए बने माता-पता को बच्चे के बुखार व शरीर में पानी की मात्रा का पता नहीं चलता, जो अक्सर इलाज में देरी कर बैठते हैं। अब मल्टीपर्पसे ऑक्सीमीटर से मिनटों में निमोनिया का पता लगाया जा सकता है।

सोहम और मल्टी पर्पस ऑक्सीमीटर ऐसे आधुनिक उपकरण है, जो नए जन्म बच्चे में होने वाली सन्देहों को दूर करता है। सोहम दस मिनट में सुनने की शक्ति का पता लगा सकती है। वहीं मल्टीपर्पसे ऑक्सीमीटर निमोनिया समय पर पता लगा सकता है। पहले के समय उक्त लक्षणों का पता लगाना डॉक्टरों के लिए भी मुश्किल था। अब तक मोहाली सिविल अस्पताल में 150 बच्चों पर इन दोनों मशीनों को इस्तेमाल किया जा चुका है, जिसमें 90 बच्चे ऐसे हैं जिन्हें सुनने में समस्या थी। उन्हें जांच के बाद बीईआरए के लिए चंडीगढ़ पीजीआई रेफर कर किया गया, ताकि मां-बाप बच्चे का समय रहते आधुनिक तरीकों से इलाज करवा पा सकें।
-तरनजोत कौर, ईएनटी, सिविल अस्पताल मोहाली।